कानपुर
देश को आत्मनिर्भर और रक्षा क्षेत्र में मजबूत बनाने के लिए अब अर्थ और मरीन के मास्टर तैयार होंगे। आईआईटी कानपुर में दोनों विशेषज्ञ के लिए मास्टर कोर्स तैयार किए गए हैं, जिसका नाम जियोमेटिक्स इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्चर एंड मरीन इंजीनियरिंग रखा गया है। इसमें दाखिले के लिए पहली बार दोनों कोर्स को गेट में शामिल किया गया है। गेट क्वालीफाई के बाद दोनों कोर्स की मास्टर डिग्री के तहत आईआईटी में प्रवेश मिलेगा।
इस साल आईआईटी कानपुर गेट (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) आयोजित कर रहा है। इसके माध्यम से देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में अलग-अलग कोर्सों में दाखिला होता है। आईआईटी कानपुर 29 कोर्स के लिए गेट करा रहा है जबकि वर्ष 2021 में परीक्षा 27 कोर्सों के लिए हुई थी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आईआईटी नए कोर्स तैयार कर उसे गेट में शामिल कर विशेषज्ञ बनाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक जियोमेटिक्स इंजीनियरिंग से अर्थ की सरफेस के जानकार तैयार होंगे जो भूकंप या अन्य आपदा पर काम करेंगे। जमीन का सर्वे करेंगे और पृथ्वी से जुड़े क्षेत्रों में शोध कर देश को मजबूत करेंगे। वहीं, नेवल आर्किटेक्चर एंड मरीन इंजीनियरिंग के जरिए रक्षा क्षेत्र को मजबूत मिलेगी। इसके विशेषज्ञ शिप की डिजाइन करेंगे और हथियारों से लेकर डीजल की खपत आदि की पूरी जानकारी रखेंगे। अभी नेवी और डीआरडीओ में इस पर काम भी होता है।