जबलपुर
होटल में रखकर आयुष्मान कार्डधारियों के उपचार का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच प्रतिवेदन पुलिस को सौंप दिया है। जिला प्रशासन ने उक्त होटल को सील कर दिया है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस शीघ्र ही निजी अस्पताल संचालक व कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगी।
सीएसपी कोतवाली प्रभात शुक्ला ने बताया कि राइट टाउन स्थित सेन्टल किडनी अस्तपाल प्रबंधन द्वारा बाजू में स्थित बैगा होटल में आयुष्मान कार्ड धारियों को भर्ती कर उपचार करने की शिकायत मिली थी। जिसकी सूचना सीएचएमओ डॉ. संजय मिश्रा को दी गई थी। इसके बाद आयुष्मान उपचार योजना के नोडल अधिकारी तथा पुलिस ने शुक्रवार की शाम होटल में दबिश दी। होटल में 60 से 70 आयुष्मान कार्डधारी मरीज भर्ती मिले। एक पलंग में दो-दो मरीज भर्ती थे। स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान उपचार योजना के नोडल अधिकारी डॉ. डी धबंडे को जांच कर पुलिस को प्रतिवेदन देने के निर्देश जारी किए थे।
नोडल अधिकार द्वारा रविवार को अस्पताल संचालक डॉ. अश्वनी पाठक ने आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने के संबंध प्रतिवेदन दिया है। आयुष्मान कार्डधारी मरीजों के फर्जी उपचार के नाम पर राशि निकाली गई है। प्रतिवेदन के आधार पर अस्पताल संचालक के खिलाफ अपराध दर्ज किया जा रहा है। जांच में जो भी दोषी पाया जाता है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
सीएचएमओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि कोविड के दौरान अस्पताल प्रबंधन को बेड बढ़ाने की अनुमति दी गई थी। मरीजों को होटल में भर्ती कर उपचार करने की अनुमति नहीं दी गई थी। यह नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन है। अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब मांगा गया है। इसके अलावा अस्पताल संचालन से संबंधित आवश्यक दस्तावेज व उपकरणों के संबंध में जांच करवाई जा रही है। किसी तरह की कमी पाए जाने पर अस्पताल का लायसेंस निरस्त किया जाएगा।
एडीएम नमः शिवाय अरजरिया ने बताया कि होटल बैगा में रखकर आयुष्मान कार्डधारियों का उपचार निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा किया जा रहा था। जिला कलेक्टर के निर्देश पर होटल को सील कर दिया गया है। होटल जिस बिल्डिंग में संचालित थी उसके एक हिस्से में सीटी स्केन सेंटर था। जिसे सील नहीं किया गया है।