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ये संकेत बताते हैं आपकी किडनी को है डॉक्टर की जरूरत

Byadmin

Aug 30, 2022

गुर्दे आपकी बॉडी से गंदगी को बाहर निकालने जैसे बेहद ही जरूरी कामों करते हैं। किसी सैनिक की तरह काम करने वाला यह अंग आपके रक्त को प्रतिदिन लगभग 40 बार छानने का काम करता है। और इससे निकले अपशिष्ट या गंदगी को मूत्र के द्वारा बाहर करते है। इसके अलावा यह शरीर में खनिज संतुलन को रेग्यूलेट करने और लाल रक्त कोशिका के उत्पादन को बढ़ाने वाले हार्मोन को बनाने का काम करते हैं। वैसे तो किडनी बहुत सारी बीमारियों से आपके शरीर को बचाता है, लेकिन कुछ कारक ऐसे होते हैं जिसकी वजह से यह खूद रोगों से घिर जाते हैं।

एक अस्वस्थ्य किडनी कई तरह से चेतावनी संकते देती हैं, जिन्हें वक्त पर समझकर जांच करवाने से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। किडनी की बीमारी को चार स्थितियों में बांटा गया है। इसमें किडनी स्टोन, एक्यूट किडनी इंजरी, क्रोनिक किडनी डिजिज, और एंड स्टेज रेनल डिजिज (ESRD)। कई मामलों में यह जानलेवा भी साबित होते हैं। ऐसे में यह जरूरी हैं कि आप इनके संकेतों को जाने।

​दिन भर थकान महसूस होना
एनएचएस के अनुसार, यदि आप हाल के दिनों में अधिक थकान महसूस कर रहे हैं, तो यह आपके शरीर में गुर्दे के ठीक से काम न करने के कारण शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमाव के कारण हो सकता है। विषाक्त पदार्थ आपके शरीर के अन्य जैविक कार्यों को प्रभावित करने का काम करते हैं और कई अन्य जटिलताओं को जन्म दे सकती है।

​अपर्याप्त नींद
जहां अपर्याप्त नींद कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है, वहीं किडनी की बीमारी भी इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।स्लीप एपनिया या अच्छी नींद लेने में असमर्थता गुर्दे की बीमारियों से जुड़ी हुई है। ऐसे में यदि आप लगातार अच्छे से सो नहीं पा रहें हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

​सूखी, परतदार और खुजली वाली त्वचा
सूखी, परतदार और खुजली वाली त्वचा बिना किसी कारण के लंबी समय तक बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से मिलें और अपनी किडनी की जांच करवाएं। विषाक्त पदार्थों का संचय शरीर में खनिजों और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा को बिगाड़ देते हैं जो बाद में त्वचा और हड्डियों को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।

​पैरों में सूजन
एक अस्वस्थ किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों को पूरी तरह से नहीं निकाल पाती है, जिसके परिणामस्वरूप ये विषाक्त पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं। इसी तरह जब शरीर से सोडियम की अतिरिक्त मात्रा नहीं निकल पाता है, तो यह पैरों, टखनों और तलवों में जमा हो जाते हैं, जिससे उनमें सूजन आ जाती है। पैरों में सूजन के और भी कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह सलाह दी जाती है कि अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें।

​फूली हुई आंखे
यदि आप अपनी आंखों के आसपास फूला-फूला देखते हैं जो सूजन का आभास देती है, तो अपनी किडनी की जांच करवाएं। ऐसा अक्सर उस समय होता है जब किडनी खराब होने के कारण पेशाब द्वारा प्रोटीन बाहर निकल जाता है।

​मांसपेशियों में दर्द
मांसपेशियों में असहनीय दर्द शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों के उच्च स्तर और खनिजों के अनावश्यक स्तर के कारण भी हो सकता है जब गुर्दे उन्हें पूरी तरह से संसाधित नहीं कर पाते हैं। ऐसे में मांसपेशियों में दर्द को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह कई अंदरुनी बीमारियों का लक्षण हो सकता है।

​सांस लेने में तकलीफ
जब गुर्दे में कोई समस्या होती है, तो रोगी ठीक से सांस नहीं ले पाता है जो कि एरिथ्रोपोइटिन नामक हार्मोन की कमी के कारण हो सकता है। वेबएमडी के अनुसार, एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन आपके शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए संकेत देते हैं। इसके बिना, आपको एनीमिया हो सकता है और सांस की कमी महसूस हो सकती है।

​ज्यादा या अधिक बार पेशाब आना
कई लोग पेशाब की आवृत्ति में बदलाव के आधार पर किडनी की बीमारी का अनुमान लगाते हैं। यदि आपका पेशाब पिछले कुछ दिनों में नियमित आवृत्ति से बढ़ा या घटा है, तो देर न करें और डॉक्टर से सलाह लें।

​इन आदतों से किडनी रहेगी हेल्दी
किसी भी बीमारी का शुरुआती दौर में ही पता लगाने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच सबसे अच्छा तरीका है। जहां तक गुर्दे की बीमारी का संबंध है, यूके की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसी अंतर्निहित स्थितियों के प्रबंधन की सिफारिश करती है, जिससे गुर्दे की क्रोनिक बीमारी हो सकती है।

इसके अलावा, एक को आवश्यक जीवन शैली में परिवर्तन करना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, धूम्रपान बंद करें, शराब का सेवन नियंत्रित करें, नियमित व्यायाम करें और बार-बार दर्द निवारक दवाएं न लें। ये आपके जोखिम कारकों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

 

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