रुड़की
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में दिव्यसम्पर्क आइ-हब में उत्तराखंड के तीन स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। इनमें ड्रोन, स्मार्ट होम आटोमेशन, सोलर कुकर पर स्टार्ट अप शामिल हैं। वहीं, वाटर एंड एयर प्यूरीफिकेशन पर भी स्टार्ट अप किया जा रहा है। आइआइटी रुड़की परिसर में सोमवार को दिव्यसंपर्क आई हब की ओर से स्टार्ट अप के लिए कार्यालय खोला गया, जिसका उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने किया। इस मौके पर प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि दिव्यसंपर्क आई हब का अधिकाधिक लाभ नवाचार को बढ़ाने देने वाले छात्रों को मिल सके, इसके लिए इस प्रचार-प्रसार जरूरी है। कहा कि नवाचार के क्षेत्र में दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इसलिए किसी भी आइडिया को तीव्र गति से विकसित किए जाने पर जोर देने की आवश्यकता है।
दिव्यसंपर्क आइ-हब के सीइओ मनीष आनंद ने बताया कि "दिव्यसंपर्क आई-हब रुड़की फार डिवाइसेस मैटेरियल्स एंड टेक्नोलाजी फाउंडेशन' का उद्देश्य साइबर-भौतिक प्रणालियों (सीपीएस) प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में कार्य करना और सीपीएस डोमेन में प्रौद्योगिकी नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। टेक्नोलाजी इनोवेशन हब (टीआइएच) की स्थापना नेशनल मिशन आन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (एन-एम आइसीपीएस) के तहत की गई है। लगभग 356 केंद्रीय प्रौद्योगिकियों के लिए एकीकृत समाधान के रूप में कार्यरत होना इसका उद्देश्य है।
बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की ओर से वित्तीय रूप से पोषित परियोजना की लागत पांच वर्षों के लिए लगभग 135 करोड़ रुपये है। दिव्यसम्पर्क आइ-हब एक सेक्शन 8 कंपनी है। यह आइआइटी रुड़की और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार की एक संयुक्त पहल है। कार्यक्रम में आइआइटी रुड़की के उप निदेशक प्रोफेसर मनोरंजन परिदा, प्रोफेसर रजत अग्रवाल, विजय वर्मा के अलावा फैकल्टी, छात्र और स्टाफ उपस्थित रहा।
12 शहरों में बनाए गए हैं स्पोक
दिव्यसंपर्क आइ-हब के सीइओ मनीष आनंद ने बताया कि आइआइटी रुड़की परिसर में आइ-हब है, जबकि 12 शहरों में स्पोक (छोटे केंद्र) बनाए गए हैं। इनमें देहरादून, दिल्ली, भागलपुर, सूरत आदि शहर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यसम्पर्क आइ-हब अंतर-मंत्रालयी परियोजनाओं (उद्योग 4.0, स्वास्थ्य देखभाल 4.0 और स्मार्ट शहरों) से संबंधित सीपीएस आधारित महत्वपूर्ण चुनौतियों के समाधान में सहयोग करेगा। टीआइएच फोकस और थ्रस्ट क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य अनुसंधान, आवास एवं शहरी मामले, नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा, दूरसंचार एवं अंतरिक्ष शामिल होंगे।