नई दिल्ली
कभी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के गुरु रहे अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की शराब नीति पर सवाल उठा दिए हैं। एक दशक पहले अन्ना के साथ मिलकर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने वाले अरविंद केजरीवाल को अब उनकी नसीहत के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नजर आ रही है। 'आप' संयोजक ने अन्ना के लेटर पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बीजेपी अन्ना के कंधे पर रखकर बंदूक चला रही है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बीजेपी की बात जनता नहीं मान रही है इसलिए वह अन्ना हजारे का सहारा ले रही है। अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से कहा, ''वे (भाजपा) कहते रहे हैं कि शराब नीति में घोटाला हुआ है, लेकिन CBI ने कहा कि कोई घोटाला नहीं है। जनता इनकी बात नहीं मान रही है तो अब ये अन्ना हजारे जी के कांधे पर बंदूख रख के चला रहे हैं।''
अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अनौपचारिक रूप से क्लीन चिट दे दी है। केजरीवाल ने कहा, ''हमें किसी भी जांच के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। सीबीआई ने अपनी सारी जांच पूरी कर ली है। मनीष सिसोदिया से 14 घंटे तक पूछताछ की। उन्होंने उनके सवालों का संतोषजनक जवाब दिया। उनके लॉकर में कुछ नहीं मिला। उन्हें अनौपचारिक क्लीन चिट दे दी गई है।''
केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई की जांच से कुछ सामने नहीं आया, इस पर अब कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। अब इसकी जांच होनी चाहिए कि वह (बीजेपी) कैसे 20-20 करोड़ देकर दिल्ली में विधायक खरीदना चाहते थे। यदि हम इससे पीछे नहीं भागे तो वे क्यों ऐसा कर रहे हैं।
अन्ना हजारे ने याद दिलाई पुरानी बातें
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखकर उनकी सरकार की नई आबकारी नीति की निंदा की है और लिखा है कि मुख्यमंत्री 'सत्ता के नशे में चूर लगते हैं'। हजारे ने यह भी कहा है कि एक ऐतिहासिक आंदोलन को नुकसान पहुंचाने के बाद जन्मी पार्टी अब दूसरे दलों के रास्ते पर है, जो पीड़ादायी है। हजारे ने कहा कि नई नीति से शराब की बिक्री और खपत को बढ़ावा मिलेगा और भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा। हजारे ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने गांव रालेगण सिद्धि में पूरी तरह शराब प्रतिबंध का हवाला देते हुए अपने पूर्व सहयोगी केजरीवाल को उनकी पुस्तक 'स्वराज' के बारे में याद दिलाया जिसमें शराब पर पाबंदी की वकालत की गई है।