पटना
बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए सरकार और प्रशासन हर उपाय कर रहे हैं, लेकिन शराब तस्करी रुक नहीं पा रही है। शराबबंदी को सफल बनाने के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित कर बिहार में शराब आपूर्ति करने वाले माफियाओं को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। इस साल दूसरे राज्यों से 61 शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है।
बताया जा रहा है की बिहार के पड़ोसी राज्यों के अलावा अन्य राज्य के शराब तस्करों की नजर शराबबंदी वाले राज्य बिहार पर रहती है। कहा जाता है कि शराब आपूर्ति में यहां ज्यादा मुनाफा है।
मद्यनिषेध इकाई द्वारा शराब माफियाओं की गिरफ्तारी बताती है कि सबसे अधिक झारखंड और उत्तर प्रदेश के धंधेबाज इस अवैध काम में लिप्त हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल के शराब माफिया भी इसमें पीछे नहीं हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल अगस्त तक दूसरे राज्य के 61 शराब माफिया (धंधेबाज) को गिरफ्तार किया गया। इसमें सबसे अधिक 25 धंधेबाज झारखंड से गिरफ्तार किए गए। वहीं दूसरे नम्बर पर उत्तर प्रदेश हैं जहां से 11 शराब माफियाओं को पकड़कर बिहार लाया गया।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल से 9, हरियाणा से 8, दिल्ली से 3, अरुणाचल प्रदेश और असम से 2-2 जबकि पंजाब से 1 शराब तस्कर की गिरफ्तारी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 में दूसरे राज्यों से 34 शराब की तस्करी करनेवाले धंधेबाजों की गिरफ्तारी हुई थी।
पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मानते हैं कि सीमा पर शराब तस्करी रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन शराब तस्कर बाज नहीं आ रहे हैं।