मुंबई
शिवसेना से बागी होकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे इन दिनों खासे सक्रिय हैं। गणपति उत्सव के दौरान तो उन्होंने उद्धव ठाकरे के कई करीबी नेताओं से भी मुलाकात की है। गुरुवार की शाम को उन्होंने उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की थी। इस मीटिंग को बीएमसी चुनाव के लिए उनकी प्लानिंग के तौर पर देखा जा रहा है। राज ठाकरे के घर पर मुलाकात के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा था कि यह कोई राजनीतिक मकसद से मुलाकात नहीं थी बल्कि मैं उनका हालचाल लेने आया था क्योंकि राज ठाकरे ने पिछले दिनों सर्जरी कराई थी। लेकिन यह कहकर उन्होंने कुछ संकेत जरूर दिए कि मुलाकात के दौरान पुरानी यादें ताजा हो गईं।
माना जा रहा है कि राज ठाकरे को साथ लेकर भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट बीएमसी चुनाव में उतर सकते हैं। इससे शिवसेना के वोट काटने में मदद मिल सकती है और अंत में तीनों मिलकर बीएमसी की सत्ता पर काबिज हो सकते हैं। गुरुवार को ही एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर से भी मुलाकात की। इसके अलावा शिवसेना के दिग्गज नेता रहे मनोहर जोशी से भी मिले। उनकी जोशी और नार्वेकर से बीते एक महीने में यह दूसरी मुलाकात की थी। इससे राजनीतिक हलकों में कयासबाजी तेज हो गई है। पिछले महीने मिलिंद नार्वेकर की मां के निधन के बाद भी एकनाथ शिंदे उनके घर पर पहुंचे थे।
उद्धव के करीबी से शिंदे ने कोई संदेश भिजवाया?
बता दें कि एकनाथ शिंदे ने जब बगावत करके सूरत का रुख किया था तो मिलिंद नार्वेकर ही उद्धव ठाकरे की ओर से संदेश लेकर मिलने पहुंचे थे। एकनाथ शिंदे ने तब उनसे बात की थी, लेकिन साफ कहा था कि मैं शिवसेना में वापस नहीं आऊंगा। फिलहाल यह साफ नहीं है कि एकनाथ शिंदे की नार्वेकर और जोशी से मुलाकात का उद्देश्य क्या था, लेकिन इसे उद्धव ठाकरे को संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल नार्वेकर को उद्धव के करीबियों में शुमार किया जाता है। ऐसे में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद एकनाथ शिंदे ने कोई संदेश नार्वेकर के जरिए उद्धव को भिजवाया हो।
आदित्य ठाकरे ने भी बागियों के इलाके में बढ़ाई ऐक्टिव
इस बीच एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर अपने दावे को मजबूती देने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उन्होंने शिवसेना नेताओं को अलग-अलग पार्टी में देने शुरू किए हैं। बता दें कि फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से शिवसेना को लेकर दावे किए गए हैं और उस पर विचार चल रहा है। यही नहीं आदित्य ठाकरे भी ऐक्टिव हैं और वह बागी विधायकों के इलाकों में रैलियां कर रहे हैं।