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ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री होंगी लिस ट्रस, कांटे की टक्कर में ऋषि सुनक को हराया

लंदन

लिज ट्रस ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। उन्होंने कड़े मुकाबले में भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को मात दी है। लिज ट्रस को 81326 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी ऋषि सुनक को 60399 वोट प्राप्त हुए। पहले पांच राउंड के मुकाबले में ऋषि सुनक को भारी बढ़त हासिल थी, लेकिन कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों की अंतिम वोटिंग के दौरान लिज ट्रस ने जीत हासिल की है। इस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने खुलकर लिज ट्रस का समर्थन किया था। उन्होंने पार्टी के सदस्यों और सांसदों से लिज ट्रस के लिए वोट भी मांगे थे। बोरिस जॉनसन आरोप लगाते रहे हैं कि ऋषि सुनक के इस्तीफे के कारण ही उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी। अब 7 सितंबर को लिज ट्रस बतौर प्रधानमंत्री ब्रिटिश संसद में उपस्थित होंगी।सुनक इस चुनाव को 20,927 वोटों से हार गए. लिस ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले मार्गरेट थैचर (Margaret Thatcher) और थेरेसा मे (Theresa May) इस पद पर रह चुकी हैं.

लिज ट्रस के सामने कई चुनौतियां
लिज ट्रस ने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बन कांटों भरा ताज पहना है। उनके सामने कई चुनौतियां हैं। इनमें सबसे बड़ी चुनौती देश में बढ़ती महंगाई, ऊर्जा संकट और बेरोजगारी को दूर करना है। लोग पहले से ही काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। अभी तक के चुनावी अभियान में लिज ट्रस ने ऐसी कोई भी विशेष घोषणा नहीं की है, जिससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को संभालने में मदद मिले। ऐसे में उनके प्रधानमंत्री पद पर बैठते ही आर्थिक मोर्चे पर सबसे बड़ी समस्या का हल ढूंढना होगा।

कंजरवेटिव पार्टी को एकजुट करना भी चुनौती
लिज ट्रस के सामने दो धड़े में बंट चुकी अपनी कंजरवेटिव पार्टी को भी एक करने की चुनौती है। पार्टी के सांसद ऋषि सुनक के पक्ष में हैं। जबकि, सदस्य ब्रिटिश राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लिज ट्रस का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में दोनों के बीच तालमेल बनाकर सरकार को चलाना लिज ट्रस के लिए आसान नहीं होने वाला है। हालांकि, ऋषि सुनक ने एक दिन पहले ही कहा है कि वह नई सरकार का हर मोर्चे पर समर्थन करेंगे। पर, पार्टी के दोनों धड़ों के बीच खाई काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।

बोरिस जॉनसन मंगलवार को करेंगे सत्ता हस्तांतरण
ब्रिटिश प्रधानमंत्री चुनाव के परिणाम का ऐलान होने से पहले ही बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच चुके थे। उन्होंने थेरेसा मे की जगह ब्रिटिश प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। बोरिस जॉनसन ने बतौर प्रधानमंत्री 1139 दिन सत्ता संभाली है। जॉनसन कल मंगलवार को कंजरवेटिव पार्टी के नए नेता के साथ सत्ता के आधिकारिक हस्तांतरण के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मिलने बाल्मोरल जाएंगे।

ऋषि सुनक पर थीं भारत की निगाहें

भले चुनाव ब्रिटेन में था, लेकिन इसकी चर्चा भारत में भी जमकर हो रही थी. इसकी वजह थी ऋषि सुनक का भारतीय कनेक्शन. ब्रिटिन इंडियन नागरिक सुनक की जीत की कामना भारतीय लोग कर रहे थे. सुनक भारत की जानी-पहचानी शख्सियत नारायण मूर्ति (Infosys के फाउंडर) के दामाद हैं.

सुनक के खिलाफ बन गया था माहौल

कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अगस्त में शुरू हुई थी. इसमें कुल 1.66 लाख पार्टी सदस्यों ने हिस्सा लिया.

ब्रिटेन में जब पीएम के रूप में बोरिस जॉनसन के विकल्प की बात हुई तो सुनक का नाम तेजी से ऊपर चढ़ता दिखा. लेकिन बाद में यह चर्चा होने लगी कि सुनक ने ही बोरिस जॉनसन का तख्तापलट किया है. ऐसे में उनको पीएम पद का ताज नहीं मिल सकता.

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