गंजबासौदा
नगर में ऐसे कई वार्ड और बस्तियां है जो कई दशको ंसे मूलभूत सुविधाएं पाने के लिये इंतजार में हैं। लेकिन पिछले नगरपालिका परिषद की कार्यप्रणाली और राजनीतिक अंगड़ा के कारण इन वार्डों में रहने वाले सैकड़ों की तादात में निवासरत व्यक्तियों को पानी , लाइट , जल निकासी , साफ सफाई , सड़कें सहित अन्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण है कि पिछले दो दशक से नगरपालिका में भाजपा की नपा परिषद बन रही है।
वहीं जिन वार्डों में कांग्रेस के पार्षद विजय होते हैं उक्त वार्डों में परिषद द्वारा विपक्ष के पार्षद होने के कारण उन वार्डों में विकास कार्य न के बराबर किये जाते रहे हैं। इस कारण से ऐसे वार्डों में पिछले दो दशक से देखा जा रहा है कि विगत वर्षाें में सत्तारूढ नपा परिषद द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंदता के कारण उक्त वार्डों के विकास की ओर से मुंह फेरा जा रहा है। जिसके कारण यह वार्ड मूलभूत सुविधाओं से पिछड़ चुके हैं । इन वार्डाें में विगत दो दशकों से न तो सड़क ों का निर्माण किया गया न ही जल निकासी की व्यवस्था की ।
वहीं यहां तक तो साफ सफाई में भी भेद भाव पूर्व तरीके से कार्य किये जाते हैं जिससे आलम यह है कि जहां देखों वहां गंदगी के ढेर लगे रहते हैं वहीं सड़कों पर घरों का गंदा पानी निकासी न होने के कारण बहता रहता है। इसी प्रकार नगर के कई मोहल्ले जो सीमा वृद्धि न होने के कारण पंचायत में आते हैं ऐसे मोहल्लों के रहवासी भी नरकीय जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हो रहे हैं। इसी प्रकार नपा की दोहरी राजनीति के चलते जो मोहल्ले कुछ वर्ष पूर्व ही अस्तित्व में आये हैं उन वार्डों में बाकायदा जलावर्धन योजना की पाइप लाइन बिछा दी गई हैं।
वहीं जो वार्ड दशकों से नगर हिस्सा हैं ऐसे वार्डों में विपक्षी एवं निर्दलीय पार्षद होेने के चलते जलावर्धन की पाइप लाइन तक नहीं बिछाई गई । जिससे उन वार्डों के रहवासियों को मजबूर होकर सैकड़ों फीट दूर स्थित पाइप लाइनों से कनेक्शन लेना पड़े हैं ।
नियमित सफाई नहीं करते सफाईकर्मी
नगरपालिका के सफाईकर्मीओं द्वारा नगर के कई वार्डो में नियमित सफाई नहीं करते । नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एवं सफाई कर्मी की डियूटी लगाने वाले नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा सुबह शाम सफाई कर्मीओं को डियूटी लगाने हेतु क्लब पार्क में हाजारी भरने एवं ड्यूटी लगाने बुला तो दोनों टाइम लिया जाता है और वहां बैठकर सफाई कर्मिओं को विभिन्न वार्डों मे सफाई करने हेतु भेज दिया जाता है । लेकिन सफाई कर्मचारियों द्वारा वार्डो में जाकर अपनी सुविधा के हिसाब से थोडी बहुत दिखावा करने हेतु सफाई करके चले जाते है।
इस कारण से नगर के कई वार्डो में सफाईकर्मिओं द्वारा नियमित सफाई न करने के कारण वार्डो की गलियो में गंदगी बहकर गलियों में फैलती रहती है। जिससे वार्डो में रह रहे नागरिकों भारी बदबू एवं गलियों में निकलना परेशानी का कारण बनता है। वही नालियों एवं गलियों की उचित साफ सफाई न होने के कारण बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है। कई वार्डों मे सफाई कर्मचारी नालियों में भरी गंदगी और कचडेÞ के ढेर गलियों में निकालकर छोड़ जाते है कचडे के ढेर उठाने दो से तीन दिन बाद आते है जिस कारण से गलियो में रह रहे रहवासी अपने घर के आगे नालियों से निकले कचडे के ढ़ेर के कारण गलियों में वाहनों एवं पैदल राहगीरों का निकलना मुश्किल हो जाता है ।
अगर मोहल्ले वासी सफाईकर्मी से कहते है कि यह कचड़ा तुरन्त भरकर ले जाओं तो जबाव मिलता है कि कचड़ा सूख जाऐगा तब इसको उठाया जाऐंगा। वही कई सफाई कर्मी वार्डो में सफाई करने के लिऐ लोगों से पैसे मागतें भी देखे जाते है इस तरह नगर में चल रही सफाई व्यवस्था सें वार्डवासी एवं नागरिक परेशान है।
शिकायतों को कर दिया जाता है अनसुना
कई वार्डो मे एक एक माह तक गलियों एवं नालियो की सफाई नहीं की जाती। मोहल्ले वाले अगर वार्ड पार्षद एवं नगरपालिका में शिकायत करते है तो भी उनकी शिकायतो को अनसुना कर दिया जाता है । कई वार्डों में मोहल्लावासी भरी नालिया एवं बदबू के कारण स्वंय ही सफई करते देखे जा सकते हैं। वहीं एक बात सबसे ज्यादा देखने में आती है कि नपा के स्वास्थ्य अधिकरी द्वारा सफाई के सख्त निर्देश तो दिये जाते है कि वार्डाें में नियमित सफाई की जाये लेकिन सफाई कर्मियों की हठधर्मिता एवं तानाशाही के आगे वह भी बोने साबित हो रहे हैं। नपा में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को चाहिए की जगह जगह भरी नालियां एवं गंदगी के ढेर उचित साफ सफाई की व्यवस्था की जाना चाहिऐ । जिससे लोगों को हो रही असुविधा से छुटकारा मिल सके।