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हैदराबाद मुक्ति दिवस में केंद्रीय गृह मंत्री, तीन CM भी होंगे शामिल

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Sep 5, 2022

हैदराबाद
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद की आजादी के जश्न के लिए तेलंगाना राज्य में आयोजित होने वाले समारोह का उद्घाटन करेंगे। एएनआई से बात करते हुए रेड्डी ने कहा कि जब हम 15 अगस्त को भारत की आजादी का जश्न मनाते हैं, तो हमें उस दिन को भी मनाना चाहिए, जिस दिन हैदराबाद ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ था।

सरदार वल्लभभाई ने निभाई थी अहम भूमिका- केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। लेकिन उस समय हैदराबाद को मुक्ति नहीं मिली। हैदराबाद को लगातार संघर्ष और बलिदान के लिए 13 महीने लगे, जिसके बाद हैदराबाद को आजादी मिली और भारत के साथ जुड़ पाया। उन्होंने कहा कि हजारों लोगों ने इस उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने हैदराबाद की आजादी के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने हैदराबाद की आजादी में एक बड़ी भूमिका निभाई थी।

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी बोले
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि हैदराबाद की मुक्ति उनके प्रयासों के बिना संभव नहीं थी। आजादी के दौरान निजाम की सेना और सरकार ने बहुत जुल्म किए। उन्होंने लोगों को लूटा और महिलाओं पर अत्यातार किया। उन्होंने तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने वाले व्यक्ति को भी निशाना बनाया। हैदराबाद की आजादी के बाद से किसी ने भी 17 सितंबर को राज्य मुक्ति दिवस के रूप में नहीं मनाया। लेकिन, अब 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत राज्य में साल भर का उत्सव मनाया जाएगा।

तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के सीएम होंगे शामिल
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह समारोह का नेतृत्व करेंगे और तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों को कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाएगा। इससे पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया था। केंद्र ने हैदराबाद की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस साल चलने वाले समारोह का आयोजन करने का फैसला किया है।

एक साल तक चलेगा उत्सव
बता दें कि आजादी के पहले हैदराबाद निजाम के शासन के अधीन था और सेना ने 'ऑपरेशन पोलो' नाम से इसकी मुक्ति के लिए अभियान शुरू किया था जो 17 सितंबर 1948 को समाप्त हुआ था। मुक्ति दिवस का साल भर चलने वाला उत्सव 17 सितंबर, 2022 से 17 सितंबर 2023 तक चलेगा।

 

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