मुंबई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महामारी से उबरने के बाद भी दुनिया कई नई चुनौतियों का सामना कर रही है। अपने संबोधन में कहा, ‘‘भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए बहुत सी चीजों को फिर से आकार देना होगा। इस लक्ष्य को पाने के लिए डिजिटलीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे बड़े साधन हैं।''
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स अचानक नहीं, बल्कि उद्योग के साथ नियमित परामर्श के साथ वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) को अचानक लगाया गया कर कहना ठीक नहीं है, क्योंकि इसका निर्धारण उद्योग के साथ परामर्श के साथ किया जाता है। वित्त मंत्री ने एलारा कैपिटल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कहा, ‘‘उद्योग को पूरी तरह भरोसे में लेने के बाद ही इस विचार को लागू किया गया।''
सीतारमण ने कहा, ‘‘जब हमने इस बारे में सुझाव दिया, तो हमने उद्योग जगत से कहा था कि हर 15 दिनों में कर की दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं।'' वैश्विक सूचकांक में बांड को शामिल करने पर उन्होंने कहा कि महामारी के बाद से कई चीजें बदल गई हैं। कोषों की आवक के मामले में खासतौर से ऐसा है। सीतारमण ने कहा कि फंड की आवक उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है। निश्चित रूप से इसकी बड़ी वजह महामारी है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मैं जल्द ही इस पर एक तार्किक निष्कर्ष की उम्मीद करती हूं।''