कोरिया
जिले के विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम सोरगा की रहने वाली 62 वर्षीय फुलेश्वरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कार्य करती हैं, फुलेश्वरी बताती हैं कि मुझे लगभग 6 वर्षों से बीपी तथा शुगर की समस्या है, अधिक परेशानी होने पर काम से छुट्टी लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक जाना पड़ता था। लेकिन जब से मुझे हाट बाजार क्लीनिक योजना के बारे में पता चला है मैं नियमित रूप से काम के बाद प्रत्येक गुरुवार को हाट बजार वाली गाड़ी आते ही बीपी और शुगर कि जांच कराकर नि:शुल्क दवाइयां ले रहीं हूं, यहां मुझे नेत्र जांच की भी सुविधा मिली है। वहीं इलाज हेतु क्लीनिक में आयी ग्राम सोरगा की ही 85 वर्षीय कयासो बाई की उल्टी-दस्त की बीमारी का इलाज किया गया, उन्होंने बताया कि यहां उनके बीपी तथा शुगर का भी उपचार किया गया तथा चिकित्सकों द्वारा आवश्यक परामर्श भी दिए गए।
विकासखण्ड खडगवां के ग्राम आमाडांड हाट बाजार में मौसमी बीमारी से पीड़ित अपनी 4 वर्षीय पुत्री गुंजन के इलाज के लिए आए रामप्रवेश बताते हैं कि कुछ दिनों से बिटिया को बुखार आ रहा था, सर्दी-खांसी भी थी। गुरुवार को बाजार में हाट बाजार वाली गाड़ी में मैंने इलाज करवाया यहां चिकित्सकों ने मलेरिया तथा एचबी की भी जांच की, मौसमी बीमारी पाए जाने पर आवश्यक नि:शुल्क दवाइयां दीं गई तथा पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई, गुंजन अब पूरी तरह स्वस्थ है।
उल्लेखनीय है कि शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के तहत दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा है, स्थानीय हाट बाजारों में डेडिकेटेड वाहनों के द्वारा मिलने वाले निशुल्क स्वास्थ्य जांच, परामर्श तथा दवाईयों से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिला है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक में प्रत्येक सप्ताह नेत्र सहायक के द्वारा नेत्र परीक्षण कर उपचार की सुविधा भी दी जा रही है। साथ ही दंत चिकित्सक द्वारा दांतों से संबंधित बीमारी की भी जांच की जाती है। मरीजों को नि:शुल्क दवा वितरण के साथ ही गंभीर मरीज को उचित इलाज के लिए उच्च संस्था रिफर भी किया जा रहा है।
योजना के तहत वर्तमान में 42 साप्ताहिक हाट बाजारों में 7 डेडिकेटेड वाहनों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हर विकासखण्ड के हाट बाजारों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं हैं। 1 अप्रैल 2022 से अब तक कुल 58 हजार 225 मरीजों ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया तथा 58 हजार 274 मरीजों ने नि:शुल्क दवा प्राप्त कर विभिन्न टेस्ट करवाए। वहीं 69 जरूरतमंदों को इलाज हेतु जिला अस्पताल रेफर किया गया। इस समयावधि में 820 आयोजित साप्ताहिक हाट बाजारों में एमएमयू वाहन पहुंचे, प्रति हाट बाजार लगभग 71 के औसत दर से मरीजो का इलाज हुआ।