• Mon. Sep 9th, 2024

टेम्प्रेचर का आपके दिमाग पर पड़ता है सीधा असर

Byadmin

Sep 12, 2022

तापमान का सीधा संबंध आपके दिमाग और व्यवहार से है। ज्यादा गर्मी या ठंड दोनों ही आपको गुस्से और नफरत से भर देती हैं। हम 12 से 21 डिग्री सेल्सियस में सबसे अच्छे मूड में होते हैं। इस समय गुस्सा भी कम आता है।

द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ ने अमेरिका के 773 शहरों में रहने वाले लोगों के व्यवहार पर तापमान के हिसाब से अध्ययन किया। इसमें यह पता चला कि ज्यादा गर्म या ज्यादा ठंड होने पर इंसान में गुस्सा बढ़ता है और भौतिक रूप से गुस्सा या नफरत नहीं दिखा पाने पर वह आॅनलाइन जाहिर करता है।

मौसम में बदलाव हेट स्पीच की वजह
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के हीट वेव के दौरान आॅनलाइन हेट स्पीच या हेट टेक्सट के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए। शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका में 25% ब्लैक और 10% हिस्पैनिक लोग आॅनलाइन हेट स्पीच का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। मौसम में बदलाव की वजह से एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग चार गुना ज्यादा आॅनलाइन हेट स्पीच का शिकार हुए। द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ की टीम ने पोट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च के लियोनी वेंज के नेतृत्व में मई 2014 से मई 2020 तक के 6 साल में अमेरिका में किए गए 400 करोड़ ट्वीट्स की जांच की। इसके लिए इन्होंने आॅर्टीफिशियल इंटेलिजेंस से एलगोरिदम तैयार किया, जो हेट स्पीच को पहचानता था। इसमें 7 करोड़ 50 लाख ट्वीट हेट स्पीच के थे, यानी कुल ट्वीट के 2%। टीम ने यह जांच की कि कौन से ट्वीट किस इलाके से किए गए और वहां उस दिन का मौसम कैसा था। जहां तापमान 15 से 18 डिग्री सेल्सियस था वहां हेट स्पीच ट्वीट थोड़े ज्यादा हुए। -3 से -5 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रह रहे लोगों ने दूसरे से 12.5% ज्यादा हेट स्पीच वाले
ट्वीट किए।

रेगीस्तानी इलाकों में 22% हेट स्पीच वाले ट्वीट
रेगीस्तानी इलाकों में जहां तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस था, हेट स्पीच वाले ट्वीट में 22% तक की बढ़ोतरी हुई। इस अध्ययन का हिस्सा रहे आंद्रेस लीवरमैन कहते हैं, अधिक औसत आय वाले वे इलाके जहां लोग एसी अफोर्ड कर सकते हैं, वहां भी जब तापमान बढ़ा तो लोगों ने गुस्से में हेट ट्वीट्स खूब किए। वे कहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम मौसम के साथ सामंजस्यता नहीं बना पाते। हेट स्पीच के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने यूनाइटेड नेशन की परिभाषा को मानक माना।

इसके मुताबिक, किसी भी व्यक्ति या समूह पर उसके धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता, रंग, लिंग या और किसी पहचान के आधार पर किसी तरह की अपमानजनक टिप्पणी हेट स्पीच के तहत आती है। इसमें सबसे बड़ी मुश्किल उन टिप्पणियों का वर्गीकरण करने में आईं, जो एक समूह या समुदाय के लिए सम्मान या प्यार तो दूसरे के लिए अपमानजनक था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *