भोपाल
प्रदेश में नायब तहसीलादार से नौकरी शुरू करने वाले राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारी इस साल होने वाली राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस की डीपीसी के लिए आईएएस बनने की दौड़ में हैं। यह पहला मौका है जब पीएससी के जरिये नियुक्त किसी नायब तहसीलदार को इस पद तक जाने का मौका मिल रहा है। राज्य प्रशासनिक सेवा में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित अफसर ही पंद्रह साल का सेवा काल पूरा करने के बाद आमतौर पर आईएएस अवार्ड हासिल कर पाते हैं।
एसएएस से आईएएस के लिए होने वाली डीपीसी के लिए जीएडी ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों की फिटलिस्ट तैयार कराई है। इस फिटलिस्ट में 18 पदों के लिए डीपीसी की जाएगी और राज्य प्रशासनिक सेवा के 18 अफसर आईएएस बन सकेंगे। इसके लिए डीओपीटी को भेजी गई फिटलिस्ट में एक पद के लिए तीन अफसरों के नाम के पैनल तैयार किए गए हैं और 54 अफसरों की फिटलिस्ट में दो ऐसे अफसर शामिल हैं जिन्होंने पीएससी की परीक्षा में नायब तहसीलदार पद पर नौकरी शुरू करने के बाद समय पर प्रमोशन हासिल करते हुए इस सूची में अपना स्थाना बनाया है।
ये अधिकारी द्वारका प्रसाद वर्मन और जीएस धुर्वे हैं। द्वारका प्रसाद इस समय सिंगरौली में अपर कलेक्टर और जीएस धुर्वे प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में संयुक्त राजस्व आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं। सूत्रों का कहना है कि वर्मन इस लिस्ट में विभागीय जांच के चलते फिट नहीं हो पा रहे हैं जबकि जीएस धुर्वे को सीनियरिटी सूची के आधार पर कई अफसरों की जांच पेंडिंग होने के चलते मौका मिल सकता है। हालांकि धुर्वे को यह मौका इसी साल की डीपीसी में मिल पाएगा। इसके बाद वे 56 साल की उम्र पार कर जाने के कारण फिटलिस्ट में नहीं आ सकेंगे।
इसलिए मिल सकता है मौका
आईएएस अवार्ड के लिए तैयार की गई सूची में करीब दो दर्जन अफसरों के विरुद्ध विभागीय जांच और लोकायुक्त तथा अन्य तरह की जांच चल रही हैं। ऐसे में इन अफसरों की जांच के चलते सूची में शामिल अधिकारी दौड़ से बाहर हो जाएंगे जबकि धुर्वे के विरुद्ध कोई जांच पेंडिंग नहीं है। इसलिए अंतिम दौर में उन्हें मौका मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसलिए ही जीएडी ने उनसे सभी दस्तावेज मांगे हैं और सूची में नाम भेजा है।