वाराणसी
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में गुरुवार से नियमित सुनवाई शुरू हो गई। इस दौरान हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग की मांग करते हुए प्रार्थन पत्र दाखिल किया गया। अदालत ने मुस्लिम पक्ष को इस पर अपना जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी। इसस पहले मुस्लिम पक्ष ने सुनवाई को आठ हफ्ते के लिए टालने की गुहार लगाई लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। इसके साथ ही पक्षकार बनने के लिए आए 15 प्रार्थनापत्रों पर भी बहस हुई। इसका आदेश सुरक्षित कर लिया गया है।
मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से कोर्ट में एप्लिकेशन दी गई थी कि मुकदमे की सुनवाई 8 हफ्ते बाद हो। कारण कि, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि श्रृंगार गौरी केस में जिला जज के आदेश से कोई पक्ष असहमत होता है तो वह उसके खिलाफ उच्च अदालत में जा सकता है। उसे इसके लिए समय मिलना चाहिए। जिला जज की कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया है। कहा है कि बीती 20 मई को सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर स्पष्ट है। उसमें ट्रायल में स्टे की बात नहीं की गई है।
श्रृंगार गौरी केस में पार्टी बनने के लिए कोर्ट में 16 लोगों ने एप्लिकेशन दिया था। उनमें से मात्र 9 लोग उपस्थित थे। एक एप्लिकेशन वापस होने के बाद 8 लोगों को कोर्ट ने कहा है कि वह अपने साक्ष्य और तथ्य प्रस्तुत करें। पक्षकार बनने के लिए मांग करने वाली सभी एप्लिकेशन पर 29 सितंबर को ही सुनवाई कर कोर्ट अपना आदेश देगी।
इस पर वादिनी महिलाओं की ओर से आपत्ति प्रस्तुत की गई है कि हमारी सहमति से ही कोई पार्टी बन सकता है अन्यथा नहीं बन सकता है। हम अकेले केस लड़ने में सक्षम हैं। वहीं, ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और एएसआई से सर्वे की महिलाओं की मांग पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है। 29 सितंबर को मसाजिद कमेटी अपना पक्ष दाखिल करेगी। उसके बाद कोर्ट अपना आदेश सुनाएगी।