दोहा
कतर में खेला जा रहा फीफा वर्ल्ड कप 2022 एक बार फिर विवादों में घिर गया है. इस टूर्नामेंट के लिए कई सालों से तैयारियां चल रही थीं. 200 अरब डॉलर से अधिक के स्टेडियम, मेट्रो लाइन और टूर्नामेंट के लिए आवश्यक नए बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को काम पर लगाया गया था. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस काम के दौरान ही तैयारियों के बीच सैकड़ों मजदूरों की मौत भी हुई.
मीडिया रिपोर्ट में वर्ल्ड कप की तैयारियों के दौरान हुई मौतों के आंकड़े को हजारों में बताया है. इन रिपोर्ट्स के बाद मानवाधिकार ने कतर की जमकर आलोचना की. दुनियाभर में भी कतर की जमकर आलोचना हो रही है.
इस अधिकारी ने किया मौतों के आंकड़ों का खुलासा
मगर अब एक नया खुलासा हुआ है. फीफा वर्ल्ड कप 2022 की तैयारी को लेकर कितने मजदूरों ने जान गंवाई है, इसका तकरीबन आंकड़ा मिल गया है. यह खुलासा खुद फीफा वर्ल्ड कप के आयोजन से जुड़े कतर के शीर्ष अधिकारी हसन अल-थावाडी ने किया है.
हसन कतर की ‘डिलीवरी और लीगेसी’ से जुड़ी शीर्ष समिति के महासचिव हैं. उन्होंने ब्रिटिश पत्रकार पियर्स मोर्गन को दिए इंटरव्यू में कहा कि तैयारियों में करीब 400 से 500 के बीच लोगों की मौत हुई है. पियर्स ने इस इंटरव्यू की एक क्लिप भी सोशल मीडिया पर शेयर की है. वहीं, शीर्ष समिति और कतर की सरकार ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है.
क्या खुलासा किया कतर अधिकारी ने पत्रकार के सवाल पर?
ब्रिटिश पत्रकार मोर्गन ने इंटरव्यू में हसन से पूछा, 'वर्ल्ड कप से जुड़े कार्य करने के परिणाम स्वरूप प्रवासी श्रमिकों की मौत से जुड़ा ईमानदार, यथार्थवादी आंकड़ा क्या है?' इसके जवाब में हसन ने कहा, 'अनुमान 400 के आसपास है, 400 और 500 के बीच. मेरे पास सटीक संख्या नहीं है. लेकिन इस आंकड़े पर इससे पहले सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की गई थी.'
मेजबानी मिलने से 2021 तक 6500 लोगों की मौत हुई
कतर सरकार के मुताबिक, 2010 और 2019 के बीच देश में कुल मिलाकर 15,021 प्रवासियों की मौत हुई. द गार्जियन की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब से कतर को फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी मिली है, तब से 2021 तक वहां 6500 से ज्यादा प्रवासियों की मौत हुई है. यह सभी भारत, पाकिस्तान, नेपान, बांग्लादेश और श्रीलंका के रहने वाले थे. हालांकि, सरकार ने इन मौतों को स्थान, कार्य या बाकी चीजों के हिसाब से नहीं बांटा.
कतर सरकार ने यह भी बताया है कि फीफा वर्ल्ड कप स्टेडियम बनाने के लिए 30,000 विदेशी मजदूरों को लगाया गया था. इन सबके इतर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने पाया कि 2020 में 50 लोगों की काम के दौरान मौत हुई. 500 गंभीर रूप से घायल हुए और 37,600 को हल्की से मध्यम चोटें आईं.