बिहार
बिहार में शराब का मुद्दा हमेशा एक प्रमुख सियासी सवाल रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार शराबबंदी को बड़े फैसलों में गिनाते हैं। भले ही विपक्षी पार्टियां शराब पर नीतीश की नीति की आलोचना करें, लेकिन रिपोर्ट्स में इसके प्रभावी होने की बातें भी सामने आई हैं।
प्रशासनिक सख्ती के कारण शराब न मिलने पर बिहार के कई जिलों में लोग देसी तरीकों से भी लोग नशे का बंदोबस्त करते हैं। इन्हीं जुगाड़ों में एक है ताड़ से निकाले जाने वाले पेय पदार्थ से नशा। ताड़ी से नशा करने वाले लोग इसके पक्ष में कई तर्क भी देते हैं। मसलन, ताजी ताड़ी में नशा नहीं होता।
शराब पर बैन के बाद एक तबका ऐसा भी है जो ताड़ी को शराब की श्रेणी में गिनने और इसे बैन करने की डिमांड करता है। इस पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, ताड़ी बंद करने का कोई सवाल नहीं उठना चाहिए। ताड़ी एक नेचुरल जूस है और इसको शराब की कैटेगरी में रखना ही नहीं चाहिए। बकौल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, ताड़ी में लाखों लोगों का व्यापार और रोजगार छिपा हुआ है। समाचार रिपोर्ट के मुताबिक मांझी बिहार में शराबबंदी पर राजधानी पटना में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ताड़ी पर अटपटा बयान दे दिया।